Saturday, April 14, 2007

हसरतें।

हम भी तो आपके दीवाने हैं, बिन तेरे दिल ये कुछ ना माने हैं।
आप तो लाखों दिलों कि धड़कन हो, मेरे भी आपसे याराने हैं।
ना नए आप हो ना हूँ में नया, रिश्ते तेरे मेरे पुराने हैं।
अब मिले हो तो मिलते ही रहना, पहले बिच्द्दे बडे ज़माने
हैं।

यह जिनके लिए हैं कभी उन्हें भी कोई समझा दे। तुम्हें उदास सा पाता हूँ में कई दिन से, ना जाने कौन से सदमे उठा रहे हो तुम। छुपा छुपा के खामोशी में अपनी बेचेनी, खुद अपने राज़ कि तस्वीर बन गए हो तुम।

मैं तो अपने देश, अपने लोगो से यहाँ दूर हूँ पर फिर भी जिन्दगी को कौन रोक सकता हैं जिसका काम ही हैं चलना, कभी दूर ले जाना, कभी पास लाना, कभी हसाना, कभी रोलाना। ईस जिन्दगी के लाखों रंगों से जो वाकिफ हैं, सिर्फ उसने ही ने यह दूनिया देखी हैं।

में यहाँ पर तमाम बातें कर सकता हूँ, आप को बता सकता हूँ पर दिल कि बात कोई कैसे बताये। कभी कभी हकीकत और खवाब में ज़्यादा फर्क नहीं होता। जो जैसे दिखता हैं, हमेशा वैसा नहीं होता। सामने तस्वीर होती हैं पर यादों का सिला नहीं होता। में प्यार किस्से करूं, जब किसी से सामना ही नहीं होता।

"From too much love of living,
From hope and fear set free,
We thank with brief thanksgiving
Whatever gods may be
That no man lives forever,
That dead men rise up never,
That even the weariest river
Winds somewhere safe to sea."

The longing we hide...

 You feel the press of these walls all night, Each moment stolen, always out of sight. In rooms where only shadows can see, An unconditional...